वो रात जब गुफा के अंदर चीखें गूंजी: एक सर्वाइवल कहानी जो आपको हिला देगी (Part 3)
Officer Janson अपने LED head lamp को चलाते हुए आगे बढ़ी। तभी मैंने हलके नीले रंग का कपड़ा देखा। वो उस गायब बच्चे के कपड़ों का एक टुकड़ा था। हिसाब से ये सबूत काफी है। चलो इस काम को जल्दी खत्म करते हैं Jain sir, मैं sunset होने से पहले वापस जाना चाहता हूँ। वो बिना रुके आगे बढ़ गयी। Sam और मैंने अपने bags उठाए और हैडलैब्स चलाएं।
मैंने रेडियो और सेटेलाइट फोन से लोकेशन शेयर करने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी काम नहीं कर रहा था। हेडलैम्स की रोशनी ने दिखाया कि वो प्राकृतिक पत्थरों वाला गलियारा पहाड़ के अंदर और नीचे उतरता जा रहा था। तभी एक गर्म हवा का झोका मेरे पास से गुजरा जिसमें से सल्फर जैसी दुर्गंध आ रही थी।
ये सिर्फ एक body recovering है, तो फिर हम अपनी जान की जोखिम में डाल रहे हैं? हमें बैकअप का इंतजार करना चाहिए ना? हम दोनों जानते हैं, वो बच्चा मर चुका है। मैंने फुसफुसा कर Sam से कहा। फिर सैम भी उसी अंदाज में बोला, "तुम जानते हो इस वक्त मैं क्या सोच रहा हूँ।"
लेकिन तभी एक चीख ने हम सभी को जड़ कर दिया और हमारी बातचीत खत्म हो गयी। मैं कभी नहीं जान पाया कि सैम क्या सोच रहा था। वहाँ बाहर से कहीं ज्यादा गर्मी थी और मुझे अपने जैकेट्स उतारने का मन कर रहा था। लेकिन तभी चीख और तेज हो गई।
ऑफिसर जैनसन ने अपनी पिस्टल निकाली जो देखकर मैं हैरान रह गया। वो एक .45 caliber की बड़ी पिस्टल थी जिसमें अच्छा stopping power था। मैंने उसकी कमर पर magazines भी देखी, इतनी कि एक भैंसों के झुंड को खत्म किया जा सकता था। मैंने भी अपनी shotgun निकाली, ये सुनिश्चित करते हुए कि उसमें भी slugs भरे हों।
फिर मैंने चैन से पूछा, "क्या तुम्हें पता है हम किस जानवर से निपट रहे हैं?" सैम हमारे पीछे था, उसकी शॉर्टगन पहले से ही लोडेड और तैयार थी। अब तक मैं पसीने से तर हो चुका था। सुरंग में गर्मी बढ़ती जा रही थी। पतली धुंध और ऊष्मा से जमुन टूटे चिकनी ग्रेनाइट छत से चिपकी हुई थी।
गलियारा अभी भी उसी तीखे कोन पर नीचे जा रहा था। लेकिन मैंने नीचे कुछ देखा, एक रोशनी। मैंने आँखें सिकुड़कर उस रोशनी को देखा। वो पत्थर की सतह पर उगे किसी चीज से आ रही थी, ना तो बिजली की रोशनी और ना ही सूरज। वो जुगनू जैसी चमक रही थी, एक बैंगनी नीली रोशनी जिसने granite की दीवारों और फर्श को एक अजीब रंग में डुबो दिया था।
हम जितना संभव हो सके चुपचाप चल रहे थे। जब हम पत्थर के गलियारों के नीचे पहुँचे तो वहाँ अजीब से मशरूम चमक रहे थे जो अंधेरे में वही बैंगनी रोशनी फैला रहे थे। मैंने अपना LED बंद किया और मेरे साथियों ने भी। फिर मैंने धीरे से अंदर झाँका।
वहाँ मैंने उन्हीं प्राणियों को देखा जिनके होंठ गायब थे, त्वचा पीली थी और आँखें विशाल थी। वो लगातार इधर-उधर घुमा रहे थे, मानो जैसे कुछ सुन रहे हों। दो प्राणी एक हिरण को घसीट रहे थे, जिसे उन्होंने पीठ से चीर दिया था। एक और प्राणी, एक बूढ़े आदमी को पैरों से पकड़कर घसीट रहा था।
मैंने उस बूढ़े का कटा हुआ सर देखा, उसकी झुर्रीदार हथेलियाँ शव के पीछे खिसक रही थी। मैंने देखा कि ये सब गतिविधि किस ओर जा रही थी और फिर मेरी साँसे रुक गयी। एक विशाल कीड़े जैसा राक्षस आलस में पत्थर की दीवार के साथ बैठा था, जबकि वो प्राणी उसके लिए मांस ले जा रहे थे।
वो राक्षस इतना मोटा था कि शायद खड़ा भी ना हो पाता। उसका शरीर खून से सना था और उसके सर के चारों ओर कोबरा जैसा एक हुड़ था। उसके दांत लगातार खिटखिटा रहे थे और मांस के टुकड़े अपने मुँह में ठूंस रहा था। उसकी लंबी पतली बाहों पर चाकू जैसी उँगलियाँ थी और उसके छह पैर praying mantis की तरह फैले हुए थे।
उस अजीब कमरे की रोशनी गहरे लाल चमक रही थी। उसका पेट उसके शरीर से काफी आगे तक फैला हुआ था और उसे देखकर डर के मारे मेरी रूह काँप गयी। मैंने देखा कि वहाँ अंडों का एक गुच्छा था और हर गुच्छा एक कुत्ते के आकार का था, जिनकी सतह फड़क रही थी मानो किसी भी पल फटने वाली हो।
जो प्राणी इस राक्षस की सेवा कर रहे थे, उन अंडों को उस कमरे के कोने में ले जा रहे थे। मैंने देखा कि वहाँ और भी दर्जनों अंडे थे और कुछ तो पहले ही फूट चुके थे। जो कुछ भी वो राक्षस था, वो पहले ही कर चुका था और अब वो चीजें आजाद घूम रही थी।
ये एक बुरा सपना था जो सालों पहले तब हुआ था जब मैं एक पाक रेंजर था। वो अजीब सी भावना मुझे आज भी याद है जब मैंने नीचे उसे डरावनी दुनिया को देखा।
हमारे सामने उस राक्षस का चमकीला लाल हाथ आगे बढ़ा और उसने उस सर कटे बूढ़े के शव को आसानी से उठा लिया। मैंने देखा कि उस राक्षस ने अपना जबड़ा इतना चौड़ा खोला कि वो शव बिना किसी दिक्कत के अंदर चला गया। उसने मुँह बंद किया और खून की एक बौछार उसके चेहरे और नीचे घिसे हुए पत्थर के फर्श पर फैल गयी।
गहरे लाल धब्बे उस राक्षस के सामने बीस फीट तक फैले हुए थे। तभी Jinson ने कहा, "हमें और अंदर जाना होगा।" "तुम पागल हो? क्या तुम मरना चाहती हो? वहाँ नीचे वो चीजें हजारों में हो सकती हैं।"
लेकिन निर्णय हमारे हाथ से निकल चुका था। जब हमने एक लड़के की तीखी चीख सुनी, हम सभी ने एक साथ ऊँचे देखा और वहाँ सफेद मानव रूपी प्राणी एक छोटे लड़के को घसीट रहे थे। उसके शरीर पर cuts और खरोचें थी और वो काँप रहा था, hypothermia या डर से या दोनों से। लेकिन वो जिंदा था, उसकी आँखें खुली हुई थी जब उसे उस विशाल राक्षस की ओर घसीटा जा रहा था।
मैंने फुसफुसा कर Sam और Johnson से कहा, "ठीक है, और मैं आगे रहूँगा, जैम तुम पीछे से कवर करो। हम एक त्रिकोण बनाएंगे। जब एक रीलोड करेगा तो दूसरे दो कवर करेंगे। सैम, तुम्हें बीच-बीच में पीछे मुड़कर चेक करना होगा कि कहीं कोई घात तो नहीं लगा रहा। हमें उस लड़के को बचाना है, चलो।"
उन्होंने मेरे आदेश पर उस लड़के को बचाने का समय नहीं था। हमें तुरंत आगे बढ़ना था। हमने चिकने पत्थर के फर्श पर आगे बढ़ना शुरू किया। दुश्मनों की अज्ञात संख्या से महज कुछ सौ फीट दूर मैंने पहला फायर किया, अपनी शॉर्टगन को उन प्राणियों पर निशाना बनाते हुए जो मेरे सबसे नजदीक थे।
पहले शॉट से एक का सिर उड़ गया। मैंने फायरिंग जारी रखी। दूसरे की एक टांग में लगा, और तीसरे ने पीछे की दीवार के पत्थरों को चकनाचूर कर दिया। मैंने ये सब स्लो मोशन में देखा। मेरा खून उबल रहा था और लड़ाई की तीव्र जागरूकता मुझ पर छा गई थी।
एक शॉट प्राणी के सर में लगा, वो एक फूटे हुए घड़े की तरह फट गया। उसका खून और हड्डियां चारों ओर बिखर गईं। मैंने देखा, जिस प्राणी ने उस लड़के को पकड़ रखा था, वो उसे छोड़ कर भागा और Johnson ने राइफल से एक गोली उसपर दागी। वो एक अद्भुत शॉट था, लड़के को ना छूते हुए उस प्राणी का सर उड़ा दिया।
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