ट्रक ड्राइवरों की चेतावनी न मानी और रात में भूतिया हाईवे पर फंस गया | मेरा खौफनाक अनुभव


मुझे काम के सिलसिले में सफर करना पड़ा था, सफर लंबा था. शहर से दूसरे शहर में जाना था. वैसे कभी मैं रात में सफर नहीं करता हूँ लेकिन घर के कामों में इतना busy था कि कब शाम हो गयी पता नहीं चला और फिर मजबूरन मुझे रात के वक्त निकलना पड़ा.

सफर पर निकलने के लिए मैं highway पर आ गया. कुछ घंटों के सफर के बाद मुझे लगा कि रुक कर थोड़ा चाय वगैरह पी जाए. एक ढाबा मुझे रास्ते में नज़र आता है, मैं वहाँ गाड़ी रोकता हूँ, fresh वगैरह हो के. ढाबे पर बैठता हूँ और चाय के order के साथ साथ कुछ खाने को भी मँगवा लेता हूँ.

चाय आती है और जब मैं चाय पी रहा था तब कुछ लोग मुझे बड़े अजीब तरीके से देख रहे थे. मैंने थोड़ा ध्यान से देखने की कोशिश की तो देखा कि वहाँ जितने भी लोग थे सारे ट्रक ड्राइवर और उनके हेल्पर नजर आ रहे थे. ढाबे की पार्किंग में भी ट्रक ही ट्रक खड़े थे. उन लोगों को ऐसे देख मैं थोड़ा अनकंफर्ट. हो जाता हूँ कि ऐसे मुझे क्यों देख रहे हैं. काफी देर तक मैं ये चीज notice करता हूँ.

और इतने में एक बंदा मेरे पास आ के बैठता है. वो बात करने की हिम्मत करता है, मैं भी बात करने को तैयार था. मैं कहता हूँ कि आप कुछ कहना चाह रहे हैं मुझसे? वो कहता है कि आज की रात आप आगे का सफर करेंगे? मैं कहता हूँ जी बिलकुल, मुझे जाना है आगे, मैं करूँगा सफर. पता नहीं उसे देख ऐसा लग रहा था जैसे कुछ कहना है उसे मुझसे, नज़रें चुरा रहा था वो.

मैंने पूछ लिया कि कुछ कहना चाहते हो आप तो बताइए. तब उसने कहा कि आपको एक बात बताऊँ, जब हम इस रास्ते से होकर गुजरते हैं, रात को हम आगे का रूट नहीं लेते हैं और इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. मैं उससे पूछता हूँ कि ऐसा क्यों है?

वो मुझसे बोलता है कि ये जगह, ये हाईवे हॉन्टेड है. इस हाईवे पर ट्रक ड्राइवर्स के साथ ऐसे कुछ वाक्यात हो चुके हैं जिस वजह से हम ये रास्ता अवॉयड करते हैं रात के वक्त. हालांकि दिन में इतना खौफ नहीं होता. लेकिन रात के वक्त यहाँ रुक के दिन में निकलते हैं. आप मेरी मानें तो आगे का सफर कल सुबह कर लें.

मैंने उनसे कहा कि मेरा मानना कुछ और है. मैं इन सब बातों को नहीं मानता. तो उनकी सलाह मैं avoid करता हूँ. मुझे सफर करना है, यहाँ रात बिता के मैं अपना समय बर्बाद नहीं कर सकता. अपनी चाय खत्म करके और उस truck driver का शुक्रिया अदा करके मैं वापस सफर पे निकल पड़ता हूँ.

वहाँ लोग बड़े गौर से मुझे देख रहे होते हैं जब मैं वहाँ से निकल रहा था, जैसे मैं पता नहीं क्या कुछ गलत करने जा रहा हूँ. मुझे भी थोड़ी हिचकिचाहट सी होने लगती है. एक छोटे से चाय के break के बाद मेरा सफर शुरू होता है. कुछ देर बाद मुझे वहाँ एक खराब road नज़र आता है और ना चाहते हुए भी मुझे वहाँ गाड़ी धीमी करनी पड़ जाती है.

वो इतना खराब रास्ता था कि मुझे गाड़ी बहुत ज़्यादा धीमी करनी पड़ गयी. चलते-चलते मैं थोड़ा आस-पास देखता हूँ तो मुझे मेरे उलटे हाथ की तरफ एक कब्रिस्तान दिखाई देता है जो हाईवे के किनारे बना हुआ था. चाँद की हल्की-हल्की रोशनी में जितनी दूर तक मेरी नजर जा रही थी मुझे वो कब्रिस्तानी कब्रिस्तान नजर आ रहा था.

मैं सीधे हाथ की तरफ देखता हूँ, वहाँ भी एक कब्रिस्तान है. मतलब के कब्रिस्तान के बीच से होता हुआ मैं जा रहा था. वो हाईवे कब्रिस्तान को चीरते हुए निकल रहा था. रात के इस वक्त एक ऐसी जगह जहाँ बस आपकी गाड़ी है, दूर-दूर तक कोई नहीं. ऐसे हालात में ना चाहते हुए भी खौफ आ ही जाता है.

कि ऐसे में अगर कुछ हो गया तो क्या होगा? किसी से मदद भी नहीं मांग सकते. मैंने ऐसा सोचा ही था कि मुझे लगता है कि गाड़ी कुछ झटके ले रही है और आगे जा के वो अचानक बंद हो जाती है. इस पल मेरी हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाती है. मैं यहाँ-वहाँ देखता हूँ और मुझे ढाबे पर उस ट्रक वाले की बात याद आती है.

हिम्मत करके गाड़ी से बाहर आता हूँ. headlights on थीं. मोबाइल की फ्लैश लाइट on करता हूँ. गाड़ी का बोनट खोल के देखता हूँ कि क्या दिक्कत आ गई एकदम से. अचानक से गाड़ी की headlight भी बंद हो जाती है. दूर-दूर तक कोई light नहीं, अँधेरा ही अँधेरा. चाँद की हल्की हल्की रोशनी ज़रूर थी पर खौफ का वो मंजर ऐसा था मानो बस आपका कलेजा बाहर निकल आएगा.

हजारों की तादाद में कब्रें थीं वहाँ पे, हजारों की तादाद में. इस कब्रिस्तान के बारे में बाद में कुछ बात पता चली के ये कब्रिस्तान बड़ा पुराना है और यहाँ की कब्रें भी काफी पुरानी हैं. आसपास जो लोग रहते थे जिनके कभी घर थे यहाँ पे वो भी ये जगह छोड़ के आ चुके हैं. आज के time यहाँ किसी को नहीं दफनाया जाता.

जब मैं वहाँ खड़ा गाड़ी को देख रहा था मुझे लगता है जैसे मेरे पीछे कोई है, मेरे इतना करीब मुझे उसकी हलकी सी हवा महसूस हो रही थी, जैसे कोई मुझे देख रहा है पीछे से. मैं एकदम से पीछे मुड़ के देखता हूँ तो मुझे कोई नज़र नहीं आता. मेरी धड़कनें बढ़ चुकी थीं और खौफ ऐसा था के बयान नहीं कर सकता.

मैं लगातार गाड़ी को देख रहा हूँ, कोशिश कर रहा हूँ उसे ठीक करने की, और लग रहा है कि कोई हर वक्त मेरे पीछे खड़ा हो के मेरे साथ गाड़ी को देख रहा है. थोड़े बहुत जुगाड़ करने के बाद गाड़ी कुछ हद तक ठीक भी हो गई. मुझे लगा चलने लायक तो हो गई है, आगे जा के कोई मैकेनिक मिलेगा तो उसे दिखा दूंगा.

मैं गाड़ी का बोनट बंद करके अंदर बैठने के लिए जैसे ही झुकता हूँ मुझे वहाँ बड़ी जोर की एक खुशबू सी आती है. खुशबू मानों ऐसी जैसे जब कोई कब्र में किसी को दफनाता है तो वहाँ कुछ डाला जाता है, अगरबत्तियां जलाई जाती हैं. वैसी खुशबू मुझे अपनी तरफ खींच रही थी.

ना चाहते हुए भी ऐसा लग रहा था जैसे उस खुशबू ने मुझ पे काबू कर लिया हो. उस खुशबू के पीछे मैं उस कब्रिस्तान में चले जा रहा हूँ बस. मेरे उलटे हाथ की तरफ कब्रें हैं, सीधे हाथ पर कब्रें हैं और मैं उस रास्ते पर बस चलता जा रहा हूँ, चलता जा रहा हूँ.

वो खुशबू मुझे ऐसी जगह लाकर खड़ा कर देती है जहाँ एक ताज़ी कबर थी. उस कब्र पर एक plate लगी थी और जब मैंने उसे देखा तो मेरी हालत और ज़्यादा खराब हो जाती है. उस plate, जो कब्र के साथ लगी थी, उस पर मेरे नाम के साथ-साथ मेरी डेट ऑफ़ बर्थ भी लिखी थी.

वो देख के मैं घबरा जाता हूँ. मन में सवाल आने लगते हैं कि ये कब्र, ये कब्र पे मेरा नाम क्यों लिखा हुआ है? ये क्या हो रहा है मेरे साथ और ये मेरी date of birth? मैं घबराते हुए वहाँ से भागना शुरू करता हूँ, मेरे अंदर का खौफ अपनी चरम सीमा पर था. मैं भागता भागता अपनी गाड़ी तक जाता हूँ और देखता हूँ कि गाड़ी अपने आप आवाज कर रही है.

ऐसा लग रहा था जैसे उसे कोई हिला रहा है, बहुत जोर जोर से हिला रहा है, वो खुद ब खुद आगे पीछे होने लगती है. ये सब देख मैं एक जगह आ के खड़ा का खड़ा रह जाता हूँ. जब मैं यहाँ से गुज़र रहा था तब एकदम सन्नाटा था और अब यहाँ कुछ आवाजें आ रही थीं. ये सब क्या हो रहा था पता नहीं.

वहाँ से जानवरों की आवाज भी आने लगी. मुझसे हिला तक नहीं जा रहा था. मैं बस गाड़ी तक पहुँचना चाह रहा था. मुझे यहाँ से निकलना है. मैं जैसे तैसे गाड़ी तक पहुँचा. मैंने गाड़ी start करने की कोशिश की. कई बार कोशिश करने के बाद जब वो start हुई, मैं वहाँ से जल्दी निकला.

और वो खराब रास्ता जहाँ पहले मेरी गाड़ी की speed बहुत धीमी थी, वहाँ अब मैं गाड़ी को भगा रहा था. हिलती डुलती गाड़ी मेरी चली जा रही है. मैं घबराते हुए गाड़ी के शीशे में पीछे देखता हूँ तो वहाँ बहुत लोग नजर आ रहे थे. मैं उनका चेहरा नहीं देख पा रहा था, लग रहा था जैसे वो मुझ पर हँस रहे हैं.

मैं ऊपर वाले को याद करता हूँ और वहाँ से निकलता हूँ. काफी देर तक ड्राइव करने के बाद मुझे सही सा रास्ता मिलता जहाँ जाके गाड़ी कुछ smooth चलती है. जब तक कोई आबादी वाली जगह नज़र नहीं आएगी मैं गाड़ी को नहीं रोकूँगा. आगे जाके एक गाँव नज़र आता है जहाँ कुछ लाइटें जली हुई थीं. मैं उनके करीब हूँ.

कोई safe जगह देखता हूँ और गाड़ी को रोकता हूँ, चैन की साँस लेता हूँ. इतने में वहीं का कोई एक बंदा मेरे पास आता है, बड़ी हैरानगी से मुझे देखता है, पूछता है कि आप कहाँ से आ रहे हैं. मैं बताता हूँ कि कहाँ से आया हूँ और कहाँ जा रहा हूँ. उसने कहा कि आपको शायद किसी ने बताया नहीं कि लोग इस रास्ते को रात में इस्तेमाल नहीं करते हैं.

लोग यहाँ पे रात में ड्राइव नहीं करते हैं. मैं उनकी बात समझ रहा था पर मेरे पास कुछ कहने को था नहीं. सोच रहा था कि अभी मैं जो देख के आ रहा हूँ उस हाईवे पर मुझे वहाँ की सिचुएशन अच्छे से पता है. थोड़ा रुकने के बाद वापस से निकलता हूँ. और वो ट्रक ड्राइवर जो मुझे ढाबे पर मिले थे मुझे उनकी बात याद आती है.

सही कह रहे थे वो. मुझे उस रास्ते से नहीं आना चाहिए था. वो लोग मेरी भलाई के लिए मुझसे कुछ कह रहे थे. लेकिन मैंने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया. आगे बढ़ चला. आज भी मुझे मेरे नाम की वो कब्र याद है और शायद हमेशा रहेगी.

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