मलेरकोटला के पास उस गाँव में जिन्न का खौफ: पेड़ काटने पर लिया ऐसा भयानक बदला!


मेरा नाम परविंदर है। मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। हमारे गाँव से करीब पैंतीस-चालीस किलोमीटर दूर एक शहर है, मलेरकोटला नाम से। उस शहर में ज्यादातर मुस्लिम्स रहते हैं और ये पंजाब का एक बहुत ही बड़ा शहर है।

इसी शहर के पास एक गाँव पड़ता है, जिसका नाम तो मैं आपको नहीं बताऊंगा, लेकिन इसका नाम एफ से शुरू होता है। ये गाँव मलेरकोटला से करीब आठ-दस किलोमीटर दूरी पर है। तो एक बार ऐसा हुआ कि मेरे गाँव में मेरे कुछ मुस्लिम फ्रेंड्स हैं जिनके रिश्तेदारी उसी गाँव में पड़ती है।

मेरे वो दोस्त मुझे अक्सर बताते थे कि उस गाँव में एक जिन्न रहता है, लेकिन मैं कभी उनकी बातों को सीरियस नहीं लेता था। साथ ही बता दूँ कि मेरे पापा और भाई पिछले कई सालों से सऊदी में रह रहे हैं।

और मैं भी अभी कुछ टाइम पहले यहाँ पर शिफ्ट हुआ हूँ। यहाँ मेरे भाई का एक दोस्त भी है जो उसी के साथ रहता है। तो एक दिन मैंने अपने भाई के उस दोस्त से पूछा कि क्या ये बात सच है कि उस गाँव में जिन्न रहता है?

वो बोला, "हाँ, ये बात बिलकुल सच है।" और फिर उन्होंने मुझे वो पूरी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि ये साल दो हज़ार के आसपास की बात है। उसी गाँव में एक मुस्लिम family रहा करती थी।

तो एक बार क्या हुआ कि उनके घर के सामने, उनके gate के पास ही एक बड़ा सा पेड़ था जो ऊपर उनकी छत तक आता था। लेकिन एक बार उनको अपनी ऊपर वाली मंजिल पर एक कमरा बनाना था जिसके लिए उन्होंने वो पेड़ कटवा दिया।

पेड़ कटवाने के बाद शुरू के कुछ दिन तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन फिर जैसे जैसे दिन निकलते गए उनकी छोटी लड़की की आदतें अजीब ही तरीके से बदलने लगीं। वो रात में किसी भी टाइम उठ के नमाज़ पढ़ने लगती, रात-रात भर घर के आँगन में घूमती रहती।

और ऊँची-ऊँची आवाज में बोलती, "मेरा घर तोड़ के अपना घर बनाओगे?" और भी पता नहीं क्या-क्या अजीब-अजीब हरकतें वो लड़की करने लगी थी। एक रात वो लड़की उसी पेड़ के नीचे खड़ी थी और एकदम से कूद के उसके ऊपर बैठ गई।

और ये देखते ही सब समझ गए कि इसके ऊपर पक्का कोई ऊपरी चीज़ आ गई है। उनके गाँव में एक मस्जिद थी जिसमें एक मौलवी रहते थे, लेकिन वो मौलवी कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर गए हुए थे।

इसलिए उनकी जगह किसी और मौलवी को बुलाया गया, लेकिन वो कुछ नहीं कर सके। इसके बाद अगले कई दिनों तक कई सारे मौलवियों और पंडितों को बुलाया गया, लेकिन कोई पता नहीं कर पा रहा था कि उस लड़की के ऊपर ऐसी कौन सी चीज़ आ गई है?

उल्टा जब भी कोई उस लड़की से आ के पूछता कि "तू कौन है? क्यों उस लड़की को परेशान कर रहा है?" तो वो लड़की उसी को पीटने लगती। सब उससे डर के भाग जाते। घरवालों को समझ ही नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करें।

उनके गाँव के जो मौलवी थे वो बहुत ही अच्छे और नेक दिल इंसान थे। फिर कुछ दिन बाद वो मौलवी अपने गाँव वापिस आए तो उन लोगों ने उनके पास जाकर उनको सारी बात बताई जो कुछ उस लड़की के साथ पिछले कुछ दिनों से हो रहा था।

फिर वो मौलवी उनके घर आए और उसको अपने सामने बिठा के पूछा कि "आप कौन हो भाई? क्यों उस लड़की को परेशान कर रहे हो? मैंने सुना है आपके पास जो भी आता है आप इसकी पिटाई कर देते हो। मेरे साथ ऐसा कुछ मत करना। मैं बस आपकी बात सुनने के लिए आया हूँ।

इस लड़की को परेशान क्यों कर रहे हो? बस मुझे इतना बता दो।" उस लड़की के अंदर जो चीज़ थी उसने मौलवी से दुआ सलाम की और बताया कि "मैं एक जिन्न हूँ।" उसकी आवाज़ सुनते ही मौलवी को लगा कि ये आवाज़ तो मैंने कहीं सुनी हुई है।

तो वो जिन्न बोला, "हाँ, आपसे मेरी मस्जिद में कई बार मुलाक़ात हो चुकी है।" मौलवी को याद आया कि उनकी मस्जिद में कई बार एक अनजान आदमी आता था नमाज़ पढ़ने के लिए और वो हमेशा उनसे दुआ सलाम करता था।

उसको देख के मौलवी को लगता तो था कि ये कोई आम इंसान नहीं है, ना ही वो उनके गाँव का कोई आदमी था, लेकिन मौलवी सोचते कि शायद आसपास के किसी दूसरे गाँव से कोई आता होगा नमाज़ पढ़ने के लिए।

ऐसे ही उनकी उस जिन्न से बात चलती रही। फिर उस जिन्न ने बताया कि इन लोगों ने मेरा घर उजाड़ा है, इसलिए मैं इनकी लड़की के ऊपर आया हूँ। मुझे भी तो कहीं रहना है ना। किसी दूसरे को परेशानी दोगे तो आप खुद कैसे खुश रह सकते हो?

जिन्न ने कहा कि "अब मैं हमेशा इस लड़की के ऊपर ही रहूँगा। आप इस मामले में ना ही पड़ो तो अच्छा है। मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूँ। मैं जानता हूँ आप लोगों की मदद करते हैं।"

तो मौलवी बोले कि "अगर तू मेरी इज़्ज़त करता है तो अभी के अभी इस लड़की को छोड़ के चला जा।" तो वो जिन्न बोला कि "आप एक नेक दिल इंसान होकर ऐसा कैसे कर सकते हो? इन्होंने मेरा घर तोड़ा, ऊपर से आप मुझे जाने के लिए कह रहे हो।

ये आप बहुत गलत कर रहे हो।" तो मौलवी बोले, "हाँ, अगर तुम मेरी इज्ज़त करते हो तो इस लड़की को छोड़ के चले जाओ।" ऐसे ही कई देर तक उन दोनों की बात चलती रही। आखिर वो जिन्न बोला कि "ठीक है मौलवी साहब, आपके कहने पर मैं इस लड़की को छोड़कर चला जाऊँगा।

और जब तक आप इस गाँव में रह रहे हो कभी वापस भी नहीं आऊँगा। लेकिन इन्होंने मेरा घर तोड़ा है, इसकी सज़ा तो इन्हें मिलेगी। जिस दिन आप इस दुनिया से चले जाओगे, उसके बाद इनको बचाने वाला कोई नहीं होगा।"

मौलवी बोले, "अगर ऐसी बात है तो तेरे को एक वादा करना होगा। तू इस लड़की को और इसके परिवार को कभी परेशान नहीं करेगा।" तो वो जिन्न बोला, "ठीक है मौलवी साहब, आपके कहने पर मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं इनको कभी परेशान नहीं करूँगा।"

और आखिर में वो जाने के लिए भी तैयार हो गया। तो मौलवी ने उससे फिर से पूछा कि "हमें कैसे पता चलेगा कि तू चला गया है?" तो वो जिन्न बोला कि "ये इस घर में जो बाहर टहनियाँ पड़ी हैं ना, जब मैं जाऊँगा तो इन टहनियों की चादर बन जाएगी।"

लेकिन जाते-जाते भी वो जिन्न मौलवी से ये कह के गया कि "मौलवी साहब, आप ये बहुत गलत कर रहे हो। इसकी सज़ा किसी ना किसी को तो ज़रूर मिलेगी।" इतना कह के उसने मौलवी से दुआ सलाम की और उस लड़की के शरीर में से चला गया।

इतना कह के जब वो जिन्न गया, गाँव के सब लोगों ने देखा कि उनके आँगन में पड़ी टहनियों की चादर बन गई थी। इसके बाद उनके घर में सब कुछ ठीक हो गया। उन्होंने अपने घर में नीचे कई कमरे बना लिए और ऊपर भी एक चौबारा बना लिया था।

लेकिन फिर कुछ ही दिनों बाद वो जो मौलवी थे जिन्होंने उस लड़की का इलाज किया था, उनके साथ परेशानियाँ होना शुरू हो गईं। वो बीमार रहने लगे। एक दिन घर में ही वो मौलवी अचानक से फिसल कर गिर गए और बेहोश हो गए।

उनके सिर पे चोट लगी थी, तो उनके घरवालों ने उनको हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। कुछ दिन बाद वो ठीक हो के अपने घर वापस आ गए, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनको पैरालिसिस अटैक हो गया जिसके बाद वो ना तो कुछ बोल पाते थे ना हिल पाते थे।

बस हर समय बेड पे ही पड़े रहते थे। आखिर में उनके प्राइवेट पार्ट में पानी बनने लगा। उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा। उनका कई दिनों तक ट्रीटमेंट भी चला। डॉक्टर्स भी हैरान थे कि इतना पानी कैसे बन रहा है, ये तो बिल्कुल इम्पॉसिबल है।

उनके घरवालों को शक हुआ कि कहीं ये वही जिन्न तो नहीं कर रहा। तो उन्होंने किसी दूसरे मौलवी से पता करवाया। तो दूसरे मौलवी ने आँख बंद करके मन ही मन कुछ पढ़ा और बताया कि हाँ, ये वही जिन्न है जो इनसे बदला ले रहा है और अब इनको कोई नहीं बचा सकता।

और कुछ ही time बाद उन मौलवी की death हो गयी। लेकिन उस लड़की के घर में अभी भी सब कुछ ठीक ही चल रहा था, वहाँ कोई प्रॉब्लम नहीं थी। उनके घर में उनके रिश्तेदार भी आते रहते थे।

तो एक दिन उनके यहाँ कुछ मेहमान आए हुए थे। उनका एक लड़का था। तो रात में वो लड़का बोला कि "मैं ऊपर चोबारे में सोऊंगा क्योंकि मुझे रात तक फोन देखने की आदत है। आप लोगों को भी प्रॉब्लम नहीं होगी।"

तो घरवाले बोले, "हाँ, जा सो जा। हमें क्या दिक्कत है?" तो वो लड़का चोबारे में जा के लेट गया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उसको ऊपर कमरे से एक आवाज़ आई, "चला जा इस कमरे से। ये मेरा कमरा है।"

आवाज़ सुनते ही वो लड़का डर गया। उसको लगा शायद उसने कोई सपना देख लिया है, तो वो जल्दी से नीचे आया। तो घरवालों ने पूछा कि "क्या हुआ? तू नीचे क्यों आ गया?" तो उसने बताया कि उसको किसी के गुस्से से चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी।

तो उस लड़की के पापा जिसके ऊपर वो जिन्न आया था, वो बोले कि "तुम यहीं रुको। मैं जा के देखता हूँ ऊपर कौन है। हो सकता है ऊपर कोई चोर हो। तुम लोग यहीं रुको। मैं ऊपर जा के सोता हूँ।

अगर मुझे कोई आवाज़ आएगी या वो चोर दिखेगा तो मैं तुम सब को उठा दूँगा और हम उस चोर को पकड़ लेंगे।" इतना कह के वो ऊपर वाले कमरे में चले गए, लेकिन फिर कुछ देर बाद वो भी नीचे भागते हुए आ गए।

उन्होंने बताया कि "मैं ऊपर लेटा ही था कि किसी ने मुझे उठा के कमरे से बाहर फेंक दिया।" अब वो सब लोग नीचे इकट्ठा होकर बात कर ही रहे थे कि ऊपर चौबारे से आवाज़ आयी, "मैं वही हूँ जिसका घर तुम लोगों ने तोड़ा था।

करने को तो मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ, लेकिन मैंने मौलवी को वादा किया था कि मैं तुम्हारे घरवालों को कभी कोई नुकसान नहीं करूँगा। मौलवी ने मेरे साथ गलत किया इसलिए उसकी सज़ा उन्हें मिली। अब तो मैं जा रहा हूँ।

ये कमरा मेरा है और अगर तुम में से किसी ने मेरे कमरे में आने की हिम्मत की तो मैं तुम सबको खत्म कर दूँगा।" अगले कई महीनों तक ऐसा ही चलता रहा। फिर किसी बुज़ुर्ग ने उन लोगों से कहा कि "तुम जिन्न से प्यार से बात करके देखो, क्या पता सब ठीक ही हो जाए।"

तो उन लोगों ने वैसा ही किया। जब भी उनका कोई festival जैसे ईद वगैरह आती तो वो उसके कमरे के आगे मिठाई रख देते और अगले दिन देखते तो वो प्लेट खाली मिलती। कई दिनों तक ऐसे ही चलता रहा।

फिर एक दिन उस लड़की के पापा ने उस जिन्न से पूछा कि "तुम उस चौबारे में ही क्यों रहते हो? गाँव में इतने घर हैं, तुम तो कहीं भी जा सकते थे।" तो उस जिन्न ने कहा कि "मेरा जो पेड़ तुम लोगों ने काटा था, उस पेड़ की लकड़ियाँ इस कमरे में लगी हैं, इसीलिए मैं यहीं रहता हूँ।"

और आज तक भी वो जिन्न उस जगह रहता है, लेकिन अब वो उन घरवालों को कुछ नहीं कहता, ना ही वो लोग ऊपर वाले कमरे में जाते हैं और कुछ टाइम बाद वो family भी बहुत अमीर बन गई।

मैंने भाई के दोस्त से पूछा कि "आपको ये सब कैसे पता? आप तो उस गाँव के भी नहीं हो?" तो उन्होंने बताया कि "जिस लड़की के ऊपर वो जिन्न आया था, उसकी सबसे बड़ी वाली बहन मेरी वाइफ़ है, इसीलिए मुझे इस बारे में सब कुछ पता है।"

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