कॉलेज फेयरवेल के अगले दिन पता चला, मेरा दोस्त तो मर चुका था... तो मेरे साथ कौन था रातभर? | डरावनी कहानी
सन उन्नीस सौ नब्बे पहाड़ियों के बीच में एक college था उसमें hostel भी था आज बहुत सारे लोग इस. कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर गए. आपस में एक-दूसरे को अलविदा कह रहे थे. उन्हीं में से दो दोस्त हैं. शिवा और आदित्य. उन दोनों में बहुत अच्छी दोस्ती थी. साथ में एक दिन ही college में आए थे और आज दोनों अलविदा हो रहे थे.
Aditya बहुत उदास था मानो वो घर जाना ही नहीं चाहता था और वो कहाँ रहता. Shiva को ये मालूम भी नहीं था दोनों ने गले मिलकर एक दूसरे को अलविदा किया Shiva ने अपने घर का पता Aditya को दिया और कहा आना मेरे घर छुट्टियों में. हम खूब मजे करेंगे मैं तुम्हें गाँव घुमाऊँगा और बहुत मस्ती करेंगे लेकिन Aditya वो उदास ही रहा तभी Shiva बोला चल उदास मत हो हम. friend है यार चल तू अपना पता दे दे मैं कभी आ जाऊँगा तुझसे मिलने
Aditya बिना कुछ कहे वहाँ से चला जाता है सिवा सोचता है कि उसे कोई लेने भी नहीं आया. इस वजह से वो उदास है कुछ घंटे बाद Shiva कोले ने Shiva के चाचा जी आ जाते है गाड़ी लिए Shiva के चाचा जी Shiva को गाड़ी में बैठने को कहते है. अब तक शाम हो चुकी थी चाचा के साथ शिवान निकल लेता है गाड़ी में बैठे घर के लिए.
वो दोनों आगे बढ़ने लगे थे रास्ते में थोड़ा अँधेरा झा. था पहाड़ी रास्ता था चाचा जी उस पहाड़ी रास्ते में धीरे धीरे गाड़ी चलाते हुए आगे बढ़ रहे थे तभी Shiva की नजर आगे चल रहे एक लड़के पर पड़ती है. जो कि पैदल चल रहा होता है। Shiva को पीछे से देखने से ऐसा लग रहा था कि जैसे वो Aditya हो।
जब गाड़ी उसके आगे बढ़ी और Shiva पीछे मुड़कर देखा तो वो. में आदित्य ही था. उस सुनसान रास्ते पर वो अकेला पैदल कहाँ चला जा रहा था. तभी शिवा बोला. चाचा जी गाड़ी रोकिए. चाचा जी गाड़ी का ब्रेक दबाते हैं. गाड़ी रूकती है Shiva तुरंत ही गाड़ी का दरवाज़ा खोलकर Aditya के पास जाता है और पूछता है Aditya कहाँ जा रहे हो.
Aditya Shiva को देखता है और. आगे बढ़ जाता है वो भी बिना कोई जवाब दिए Shiva Aditya को झिंझोड़ते हुए लाता है और पूछता है कहाँ जा रहा है पैदल और तू ऐसे बर्ताव क्यों कर रहा है. से बात कर कोई दिक्कत है क्या? वो भी बिना बोले ऐसे इस रास्ते पर पैदल चला जा रहा है।
आदित्य की आँखें लाल थी। मानो वो बहुत रोया हो। या फिर थकान की वजह से।. वो सोया ही नहीं हो Shiva Aditya को गाड़ी में पकड़कर बिठाता है और कहता है Aditya कहाँ चलना है बताओ पहले पहाड़ से उतरते है फिर आगे का रास्ता बताता. नजर झुकाए हुए धीरे से Aditya कहता है चाचा जी धीरे धीरे चलते रहते है.
तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना Shiva पूछता है Aditya से और. माथे पर हाथ रखता है ओ तेरी तुझे तो बुखार है यार चल कोई नहीं तुझे दवा दिला देते है पहले पहाड़ से उतरते ही चाचा जी एक होटल के पास गाड़ी रोकते है.
पूछता है आपके पास बुखार की दवा है क्या? या फिर इधर कोई दवा की दुकान तो इस पर होटल वाला कहता है हाँ आगे जाकर सीधे हाथ की तरफ घूम जाना और वहाँ गाँव में एक दुकान है. चाचा जी गाड़ी में आकर बैठ जाते हैं.
आगे right side में एक गाँव है वहाँ दवा की दुकान है शायद चलो वहीं चलते हैं और फिर गाड़ी चलाते हुए चल देते हैं और उस गाँव में पहुँचकर. दबा लेते हैं Aditya को खिलाते हैं Aditya का चेहरा पूरा सफेद होता जा रहा था मानो उसके शरीर में से किसी ने खून ही चूस लिया हो.
चाचा जी गाड़ी start कर. रहते हैं और फिर उतर कर देखते हैं कि गाड़ी के टायर पंक्चर हो चुकी है. अरे यार क्या हुआ चाचा जी? शिवा पूछता है. टायर पंक्चर हो गई है. कहाँ फंस. हम रात में सिवाय तुम्हारे दोस्त को आराम की जरुरत है हम यहाँ कहीं रात को रुकते हैं और फिर देखता हूँ मैं क्या कर सकता हूँ.
ये कहते हुए चाचा जी वहाँ मौजूद एक आदमी. से पूछते हैं हमें रात में रुकने के लिए कोई जगह मिल जाएगी या कहीं तो इस पर वो आदमी कहता है हाँ जरूर एक जगह है मेरे साथ चलिए मैं पहुँचा देता हूँ आपको एक प. का मकान था वो किसी धनी आदमी का था जो शहर में रहता है ये मकान में कई कमरे होते है जो वो किराए पर देता रहता था किसी राहगीर को रुकने के लिए.
वही Shiva Aditya और चाचा जी room book कर लेता है रात बिताने के लिए वहाँ एक आदमी है Sahu वही देख रेख के लिए जो बाहर बैठा आग ताकत रहता है. room में Aditya को सुनाने के बाद Shiva और चाचा जी कुछ खाने के लिए Sahu के पास जाते हैं.
कुछ खाने को मिल जाएगा क्या? चाचा जी पूछते हैं तो इस पर साहू कहता. बैठिए साहब मैं मंगा देता हूँ. मेरा घर नजदीक ही है. मेरी पत्नी खाना बना देगी. अ उसके लिए कुछ खर्चा देना होगा. और टाइम भी लगेगा. ठीक है, कोई बात नहीं. कहते हुए चाचा जी सौ का नोट साहू को देते हैं.
साहू अपने बेटे को आवाज लगाता है जगन ए जगन जा सब लोगों के लिए खाना बनवा ला अम्मा को बोल. दो लोगों के लिए खाना बना दें. तो इस पर चाचा जी कहते हैं दो नहीं तीन एक और लड़का है ना ऊपर में सोया हुआ है.
तो इस पर साहू चाचा जी को अजीब नजरों से देखता है. और. फ़ेर कहता है। क्या? मगर आप तो दो ही लोग हैं ना? मैंने तो दो ही लोग को आते देखा। ये सुनकर चाचा जी और Shiva दोनों एक दूसरे का चेहरा. लगता है तभी साहू कहता है दो ही लोग ना साहब.
तो इस पर चाचा जी साहू से कहते हैं पर हम तीन लोग आए यहाँ पर वो एक बीमार सा. था ना जिसको उसी के लिए तो हमने यहाँ कमरा लिया वो कमरे में आराम कर रहा है.
तो इस पर साहू अपनी जगह से उठा और फिर घर के अंदर कमरे की ओर बढ़ने लगा उसने. से ही कमरे का दरवाजा खोला तो चाचा जी और शिवा दोनों आपस में एक दूसरे का एक चेहरा तागने लगे जो कि कमरे में कोई नहीं था.
मगर ऐसा कैसे हो सकता है? आदित. इस तरह से गायब कैसे हो सकता है? चाचा जी और शिवा दो घर के बाहर दरवाजे पर ही खड़े थे। अगर आदित्य निकल कर जाता तो नजर भी आ जाता। शिवा को कुछ ठीक नहीं लग रहा. उसने चाचा जी को तुरंत ही घर चलने को कहा.
जिसके बाद चाचा जी और शिवा वहाँ से अपने घर पहुँचे अगली सुबह Shiva को मालूम पड़ा कि Aditya ने. अपने घर में अपने कमरे में कल सुबह ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेते शिवा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अगर आदित्य कल सुबह ही मर चूका है तो फिर.
स्कूल में और फिर रास्ते भर उनके साथ कौन था? तभी शिवा को समझ में आया कि शिवा को स्कूल में सब लोग अजीब नजरों से क्यों घूर रहे थे? क्योंकि आदित्य उस. अलावा किसी और को नज़र ही नहीं आ रहा था.
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