जब सपनों के शहर Mumbai में हुआ डरावना सामना और Rishikesh के एक मंदिर ने खोली रहस्यमयी दुनिया के द्वार: असली अनुभव
सपनों का शहर कहा जाने वाला Mumbai, कितने लोग वहाँ जाते हैं। लड़का जो अच्छी खासी जिंदगी बिता रहा था। माँ काम था उसके पास, वो busy रहता था। ऐसे ही एक रात वो अपनी scooty से जा रहा था। अचानक scooty कुछ भारी सी होने लगी। अब होने को कुछ भी हो सकता है। क्या पता scooty में कोई दिक्कत आ गयी हो या क्या पता उस रास्ते पर कोई उसका इंतज़ार कर रहा हो।
अभी पिछले साल नवंबर की बात है। रमन नाम का एक लड़का पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी कर रहा था। दिनभर कॉलेज में पढ़ाई के बाद वो घर से कुछ किलोमीटर दूर एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। उसकी शिफ्ट शाम से शुरू होकर देर रात तक चलती थी। Raman ने office आने जाने के लिए EMI पर scooty खरीदी थी।
रात की ठंडी हवा में गाड़ी चलाने का मजा ही अलग होता है। तो Raman highway से होता हुआ जाता था। एक तो वहाँ एक scooty speed में चला सकता था और सीधा रास्ता होने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं होती थी। पर एक दिन जब रोज रोज इस high. bore होने के बाद सोचा कि क्यों ना एक नए रास्ते से जाया जाए।
highway से थोड़ा पहले एक रास्ता था जो उसके घर की direction में जाता था तो वो उस रास्ते से निकल गया। उसे ये वाला रास्ता भी अच्छे से पता था। वैसे कितनी बार देखा है कि ये रास्ता बंद होता था। पर उस दिन मुझे किसी ने भी नहीं रोका। वो अच्छा खासा रास्ता था। स्कूटी बढ़िया चल रही थी।
पर इस दौरान उसे वहाँ की हवा और आसपास का सन्नाटा कुछ ठीक नहीं लगा। जब आप scooty या bike पे होते हो तो एक आवाज आपके कानों में जाती है पर. कुछ अलग आवाज थी। इससे पहले भी उसने कितनी बार स्कोटी भगाई है लेकिन इतना भारीपन किसी के होने का एहसास कभी नहीं हुआ था मेरी body पर और मेरी scooty पर बहुत. भारीपन सा महसूस होने लगा।
ना जाने उस वक्त मेरे मन में क्या था। मैं डर के मारे scooty को और तेज चलाने लगा लेकिन थोड़ा आगे चलाने के बाद ही मुझे कुछ महसूस हुआ। ऐसा लगा कि मेरी scooty के पीछे वाली seat थोड़ी भारी हुई है और तब किसी ने मेरा कंधा थपथपाया और उसके साथ ही लगा कि पीछे की seat पर कोई भारीपन अचानक से पड़ गया है।
मुझे feel हो रहा था कि कोई बहुत भारी चीज है वहाँ। मैं काफी speed में चला रहा था और अचानक से ऐसी चलती scooty में किसी का पीछे बैठ जाना मेरी सोच से बाहर था। मेरे. दिमाग में बहुत खौफनाक ख्यालात आने लगे थे। मैंने scooty रोकी नहीं, मैं उसे भगाता रहा, भगाता रहा।
और इसी बीच किसी ने दोबारा मेरा कंधा थपथपाया हो और उसके. बाद एक आवाज आयी। उस वक्त मेरी हालत खराब हो चुकी थी। सच कहूं तो मैं इन सब चीजों में विश्वास नहीं करता पर उस वक्त मैं decode नहीं कर पा रहा था. कि वो आवाज क्या थी और scooty पे इतना भारीपन क्या था पिछली seat पर?
मेरे मन में आया कि एक बार पीछे देखा जाए पर दिमाग कह रहा था तू निकल यहाँ से। मैंने scooty और तेज़ भगानी. शुरू कर दी और जल्दी से जल्दी घर पहुँचना चाहता था। दिमाग में आया कि स्कूटी को किसी गड्ढे या स्पीड ब्रेकर से होता हुआ तेजी से निकल जाता हूँ. पीछे जो भी है वो गिर जाएगा।
पर इसमें बैलेंस बिगड़ने का भी खत. था। लेकिन उस वक्त मुझे ज्यादा खतरा इस बात का था जो अभी मेरे साथ हो रहा था। मैंने बिना किसी परवाह के इस गड्ढों से निकालनी शुरू की। बता रहा था उसे मुझे जल्दी घर. ना था। इस दौरान मेरे कंधे पे वो थपथपाट और वो आवाज फिर से आयी।
वो सब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं नींद में हूँ और जितना आपको नींद में याद होता है उतना ही मुझे भी याद था। ये incident मैं किसी से share नहीं करता क्योंकि मुझे पता है लोग इस पे विश्वास नहीं करेंगे, मजाक उड़ाएँगे, पागल समझेंगे। उस दिन ना तो मैंने कोई drink की हुई थी ना कुछ पर उस रास्ते से. फिर कभी दोबारा नहीं गया हूँ।
अगली कहानी पर जाने से पहले कुछ चीजों को समझना बहुत जरूरी है। ये incident सात साल पहले का है। एक लड़की जो उस वक्त Rishikesh में रहती थी। कई सारे त्यौहार आते थे और बहुत सारी पूजाएँ वहाँ अक्सर होती रहती थी। उन्होंने अपना experience share किया है। वहाँ का एक famous मंदिर है। जिसका नाम यहाँ बता नहीं सकते।
मेरा यहाँ आना होता है मुझे लगता है कि एक बार उस मंदिर में जरूर जाऊं। इस मंदिर में हर शनिवार एक अलग पूजा की जाती है। इस दिन यहाँ अलग अलग जगह से कई लोग आते है जिन. ऊपरी हवाई होती है या किसी पे कुछ आया होता है। ऐसे लोग बहुत आते हैं। ये पूजा कोई ज्यादा पुराने समय से नहीं हो रही थी।
मैं हर बार जब भी वहाँ जाती थी तो कुछ ना कुछ हो जाता था। शनिवार को कभी भी वहाँ नहीं जा पाती थी। शायद कभी मौका नहीं मिला कि शनिवार के दिन वो पूजा मैं देख पाऊं। मुझे इन चीजों के बारे में पढ़ना उन पे research करना बहुत पसंद था और बहुत. जल्दी मुझे वो मौका भी मिल गया कुछ ऐसा देखने का जो मैंने अब तक देखा नहीं था।
mummy के साथ में शनिवार को उस मंदिर में गयी। मैंने बहुत सारे ऐसे लोग देखे वहाँ। हम काफी देर तक उस. मंदिर में थे जिसके बाद mummy ने कहा कि चलो अब घर चलते हैं। मैंने भी कहा कि ठीक है और मैं जाने के लिए उठने ही वाली थी तभी मेरी mummy को कोई जान पहचान का वहाँ पे मिला और वो उनसे बात करने लगी।
जब ये दोनों बातें कर रहे थे तो मैं इधर उधर देख रही थी। वहाँ हजारों की तादाद में लोग थे और उन सब लोगों के बीच मुझे एक लड़की दिखी जो कि मेरे ख्याल से सात या आठ साल की होगी। मैंने कहीं पढ़ा था अगर हम किसी डरावनी चीज से डरते नहीं है, उसकी तरफ देखते नहीं है, उसके बारे में जानते नहीं है तो वो चीज हमें कभी डरा नहीं सकती।
मुझे पता था कि. अगर इस लड़की की तरफ देखूँगी तो मुझे कुछ ना कुछ feel होगा। पर उस वक्त ना जाने मुझे क्या हुआ। मैंने अपनी नज़रें उससे बचाने की बजाय उसकी आँखों में देख लिया। हम दोनों एक दूसरे की तरह. देख रहे थे और मुझे इतना तो पता था कि ये लड़की किसी बुरी ताकत का शिकार हो चुकी है।
और फिर अचानक उस लड़की ने मेरी तरफ देखते हुए बड़ी भयानक सी smile की। मुझे उसे हँसते हुए देखकर डर सा लगा। मैंने mummy का हाथ खींचते हुए कहा जल्दी चलो घर यहाँ से। mummy मुझे देखकर समझ चुकी थी कि कुछ तो गड़बड़ है। हम वापस आ गए। उसके एक दिन बाद तक सब कुछ नॉर्मल सा था।
उस रात मेरे साथ एक बहुत ही अजीब सी चीज हुई। मैं बिस्तर पर सोने के लिए आई ही थी। जब अचानक मुझे कुछ दिखाई दिया। वो एक लड़की थी गंदे से बालों में जला हुआ चेहरा। वो धीरे धीरे corridor से मेरे room की तरफ आ रही है और उससे भी अजीब बात ये थी कि मैं ये सब. ज़ी और में देख पा रहे थे।
जैसे-जैसे वो मेरे पास आ रहे थे, वो लड़की भी साथ-साथ चलती हुई नज़र आ रही थी। मैं खुद को समझा रही थी के मुझे कोई बुरा सपना आ रहा है. और मैं ना चाहते हुए भी उसकी. देखे जा रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा कि कैसे बताऊँ। मैंने खुद को उठाने की कोशिश की कि ये एक बुरा सपना है और तू जल्दी से उठ यहाँ से।
और तभी मेरी आँख खुली। मैं उठ तो गयी थी. अपना शरीर हिला तक नहीं पा रही थी। मैंने बहुत कोशिश की पर कुछ भी नहीं हो पा रहा था। मैं बिना गर्दन हिलाए अपनी आँखों को घुमाने लगी। तभी मैंने ही एकदम से अपनी आँखें बहुत जोर से बंद कर ली। क्योंकि मैं. से उस लड़की को नहीं देखना चाहती थी।
करीब तीन चार मिनट बाद मैं उठ के बैठी। मेरी साँसे फूल चुकी थी। मैं बहुत घबराई हुई थी। रात के अंधेरे में बहुत ज्यादा डरी हुई थी। डर के मार. में अपनी फैमिली को बुलाना तो चाहती थी पर उनका कमरा, उनका कमरा मेरे कॉरिडोर के दूसरी तरफ था. वही कॉरिडोर जहाँ मैंने उस लड़की का शरीर देखा था।
मैंने खुद को समझाते हुए दोबारा सोने की कोशिश की। सोने के बाद में सुबह जब उठी तो मैंने papa को ये सब बताया। उन्होंने mummy से इस बारे में बात की। मेरा एक दोस्त भी था जिसे मैंने इस बारे में बताया। उसका घर कब्रिस्तान के पास था और उसने कहा था कि. तुम्हें sleep paralysis है।
उसने बताया कि उसकी बहन के साथ भी ऐसा कई बार हो चुका है। उसने मुझसे कहा कि तुम जब भी सोने जाओ तो अपने तकिए के नीचे छोटा सा चाकू, माचिस या कोई. लोहे का सामान रखे सोना। उसके बाद तुम्हें ऐसे सपने नहीं आएँगे। मैं इन सब बातों को उस मंदिर वाले incident से जोड़ के देख रही थी। वो लड़की जो मुझे वहाँ मिली थी पता नहीं वो क्या था।
और. के बाद मुझे ऐसा कभी कुछ feel नहीं हुआ। sleep paralysis एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति नींद में जागने, उठने और बोलने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति में वो काल्पनिक चीजों को महसूस करने लग. जैसे किसी रूह को देख सकता है, उसे सुन सकता है लेकिन जाग नहीं पाता। sleep paralysis में कभी कभी दम भी घुटने लगता है वैसे तो sleep analysis कुछ मिनटों तक रहता है. लेकिन इसका इलाज ना कराया जाए तो ये व्यक्ति को बीमार बहुत बीमार कर देता है।
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