क्या बूढ़ी औरत चुड़ैल थी? बचपन का डरावना रहस्य और एक भयानक सपना Horror Story

क्या बूढ़ी औरत चुड़ैल थी? बचपन का डरावना रहस्य और एक भयानक सपना

क्या बूढ़ी औरत चुड़ैल थी? बचपन का डरावना रहस्य और एक भयानक सपना

बचपन की यादें: आर्मी कैंटोनमेंट और एक रहस्यमय जंगल

बहुत साल पहले, Richa, Arjit और Ankit एक आर्मी कैंटोनमेंट में रहते थे। वे तीनों वहीं के एक आर्मी स्कूल में साथ पढ़ते थे, और उस वक्त उनकी उम्र लगभग ग्यारह-बारह साल थी। कैंटोनमेंट एरिया के पीछे एक छोटा सा मैदान था, जिसके पीछे दूर तक एक घना जंगल फैला हुआ था।

उस जंगल में बच्चों का जाना पूरी तरह से मना था। इलाके में अफवाह थी कि जंगल में खतरनाक शेर और अन्य जंगली जानवर घूमते हैं। कुछ लोग तो यह भी कहते थे कि उस जंगल में एक चुड़ैल का वास है।

शैतानी भरी शाम और जंगल की ओर कदम

एक शाम, तीनों दोस्तों ने अपने माता-पिता को बिना बताए एक शरारत करने की सोची और जंगल की तरफ चल पड़े। उन्हें जंगल के खतरनाक जानवरों के बारे में बताया गया था, लेकिन हर बच्चे को यह लगता है कि उनके पास कोई विशेष शक्ति है। इसी आत्मविश्वास में डूबे हुए वे तीनों जंगल की ओर निकल पड़े।

धीरे-धीरे शाम गहराने लगी और रात का अंधेरा फैलने लगा, लेकिन फिर भी वे तीनों आगे बढ़ते रहे। दिशा को अंधेरे में थोड़ी घबराहट महसूस हो रही थी, और इसलिए उसने वापस घर चलने की बात कही। वह अपने दोस्तों को मना ही रही थी कि तभी उन्हें एक भयानक शेर की दहाड़ सुनाई दी।

अंधेरे में एक डरावनी मुलाकात

शेर की दहाड़ सुनकर तीनों के रोंगटे खड़े हो गए। Disha ने डरते हुए पीछे मुड़कर देखा, तो वहाँ कोई शेर तो नहीं था, लेकिन उनके ठीक सामने एक बूढ़ी औरत खड़ी थी। अंधेरे के कारण उसकी शक्ल ठीक से दिखाई नहीं दे रही थी, पर उसके गाल पर एक बड़े ज़ख्म का निशान ज़रूर दिख रहा था।

उसने एक काले रंग का गाउन पहना हुआ था। अपनी काली पोशाक के साथ-साथ उस औरत की आँखें बेहद डरावनी थीं, और वह उन बच्चों को घूर रही थी। उसने सीधी आवाज़ में उन बच्चों से कहा कि यह जंगल उनके लिए नहीं है और वहाँ केवल वह और उसके पालतू जानवर रहते हैं। उसने बच्चों को तुरंत वापस घर लौटने की सलाह दी और चेतावनी दी कि वे कभी भी इस जंगल में दोबारा न आएं।

चाँद के धुंधले घेरे में खड़ी वह बूढ़ी औरत किसी खूंखार चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी। तीनों डरे सहमे उस औरत की बातें सुन ही रहे थे कि अचानक जंगल के हर कोने से जंगली जानवरों की चीखें सुनाई देने लगीं। ऐसा लग रहा था जैसे वह बूढ़ी औरत ही उन सभी जानवरों को नियंत्रित कर रही हो।

टॉफी का रहस्य और एक अजीब बर्ताव

उन तीनों में से Ankit और Archit दोनों ही बहुत घबरा गए थे, बल्कि Ankit तो डर के मारे रोने भी लगा था। इसके बाद उस औरत ने Ankit को चुप कराते हुए मुट्ठी भर टॉफी दी। वैसे तो उन तीनों को पता था कि अनजान व्यक्तियों से कुछ नहीं लेना चाहिए, लेकिन उस भयानक सन्नाटे में कोई भी उस डरावनी बूढ़ी औरत को मना नहीं कर पाया। उस बूढ़ी औरत ने Ankit और Arjit को टॉफी दी, पर Risha को उनमें से एक भी टॉफी नहीं मिली।

Risha ने ध्यान दिया कि उस औरत के चेहरे पर उसके लिए एक अजीब सा गुस्सा भरा भाव था। वह सबको अपनी तीखी नज़रों से देख रही थी।

एक भयानक चेतावनी

इतने में वे तीनों वापस अपने घर की ओर जाने लगे। वे उस औरत के पास से गुज़र ही रहे थे कि उस औरत ने अचानक Arjit का हाथ पकड़ लिया। उसने तीनों की आँखों में देखा और धीमी पर भयानक आवाज़ में कहा, "आज भूल कर भी मत सोना, जंगल के अंधेरे में!" इन शब्दों ने Disha के अंदर एक गहरी दहशत पैदा कर दी थी।

Ankit ने जब डरते हुए उस बूढ़ी औरत से उसके ऐसा बोलने की वजह पूछी, तो उस बूढ़ी औरत ने एक डरा देने वाली मुस्कान दी और फिर बोली, "अगर तुम आज सोए, तो तुम्हारे सारे डरावने सपने सच हो जाएँगे।" यह कहकर उसने Arjit का हाथ छोड़ दिया, और वे तीनों पागल घोड़ों की तरह अपने घर की ओर भागने लगे।

भागते हुए Risha को अपने पीछे जानवरों के भागने की आवाज़ें सुनाई दीं। ऐसा लग रहा था कि उस औरत के इशारे पर वह जानवर उनके पीछे-पीछे भाग रहे हैं। वे बस जल्द से जल्द अपने घर पहुँचना चाहते थे। तीनों जल्दी से अपने घर पहुँच गए और इस भयानक घटना को एक गलती समझकर भूल जाने की कोशिश करने लगे।

डरावना सपना और सच की झलक

Risha का अगले दिन एग्जाम होने की वजह से वह अपने बिस्तर पर सोने चली गई, पर उस औरत की डरावनी आवाज़, उसके मिट्टी वाले हाथ, बड़े-बड़े नाखून और कटा हुआ गाल उसके दिमाग से निकल ही नहीं पा रहा था। जैसा कि उस बूढ़ी औरत ने कहा था, नींद आते ही Risha को एक सपना आया - उसका सबसे डरावना सपना।

सपने में जोरदार बारिश हो रही थी, और Risha एक गाड़ी में बैठकर अपने माता-पिता से दूर जा रही थी, जैसे शायद वह अब उनसे कभी नहीं मिल पाएगी। उसकी माँ लाल साड़ी में फूट-फूट कर रो रही थी, और उसके पिता शर्ट-पैंट में खड़े थे, जिनकी आँखों से भी आँसू टपक रहे थे। गाड़ी के दूर गुज़रने पर Risha ने जब पीछे मुड़कर अपने माँ-बाप को देखना चाहा, तो उनके पीछे कोई और भी खड़ा था। चौंका देने वाली बात यह थी कि वहाँ वही बूढ़ी औरत खड़ी थी, अपने चेहरे पर वही भयानक हँसी लिए हुए। वह भी उसकी तरफ हाथ हिला रही थी।

यह सपना देखते हुए Risha अपने बिस्तर पर ज़ोर-ज़ोर से छटपटाने लगी। सपने में फिर गाड़ी की स्पीड एकदम से तेज़ हो गई और अंधेरे के मारे सब कुछ धुंधला हो गया। उसने देखा कि आगे की सीट पर उसके माँ-बाप ही रोते हुए गाड़ी चला रहे हैं, और उसके साइड में वही औरत बैठकर उसे अपनी डरावनी आँखों से घूर रही है। गाड़ी की स्पीड अचानक इतनी तेज़ हो गई कि वह काबू से बाहर चली गई और एकदम से खाई में गिर पड़ी। तभी Risha की आँखें खुल गईं। उसने इसे एक बुरा सपना सोचकर जाने दिया।

सपने का सच और एक दुखद घटना

Disha ने उस दिन सोकर वाकई बहुत बड़ी गलती की थी। स्कूल की परीक्षाओं के बाद उसके पिता ने अपनी बेटी को उसकी नानी के घर मेरठ शिफ्ट होने के लिए भेजने का फैसला किया। अगले दिन जब Disha गाड़ी में बैठकर जा रही थी, तो उसे अपना वही डरावना सपना सच होते हुए दिख रहा था। उस दिन उसकी माँ ने लाल साड़ी और पापा ने वैसे ही शर्ट-पैंट पहनी थी, और दोनों वैसे ही रोए जा रहे थे जैसे Risha के सपने में।

जाते हुए Disha ने पीछे मुड़कर देखना चाहा, तो उसके हाथ और पैर दोनों सुन्न पड़ गए। सब कुछ सपने के जैसा ही हो रहा था। उसके सपने के जैसे उसके माँ-बाप के ठीक पीछे वही बूढ़ी औरत खड़ी थी, जो उन्हें उस जंगल में मिली थी, और वह वैसे ही भयानक तरीके से Disha को देखकर मुस्कुरा रही थी। पर इस बार जब Risha की गाड़ी ने स्पीड पकड़ी, तो वह किसी खाई में नहीं गिरी और न ही उसके बाद कोई हादसा हुआ।

दस दिनों बाद Risha को अपने माता-पिता से पता चला कि Arjit की माँ एक कार दुर्घटना में मर गई हैं। Disha तब इस सबको समझने के लिए बहुत छोटी थी, और समय के साथ वह इस बात को भूल भी गई।

एक अनसुलझा रहस्य

लेकिन कुछ साल बाद जब वह वापस अपने शहर में आई और अपने पुराने दोस्तों से मिली, तब Archit ने उसे बताया कि जिस रात Risha को डरावना सपना आया था, उस रात उसने भी एक बुरा सपना देखा था। Archit ने सपने में अपनी माँ को एक कार दुर्घटना में मरते हुए देखा था, जो दस दिनों बाद सच हो गया। पर Ankit के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि Ankit उस रात सोया ही नहीं था।

Disha को शायद थोड़ा-थोड़ा सब कुछ समझ आने लगा था। उसे उस बूढ़ी औरत की बात याद आने लगी थी। उसने उन्हें उस रात सोने से मना किया था। Risha का भयानक सपना असलियत में नहीं घटा, क्योंकि शायद उसने उस दिन उस औरत की दी हुई टॉफी नहीं खाई थी। पर उसे पूरा भरोसा हो गया था कि यह सब उसी चुड़ैल ने किया था।

उस दिन के बाद से वह बूढ़ी औरत Risha को फिर से अपने सपनों में दिखने लगी। आज Disha बीस साल की हो गई है, लेकिन उसके सपनों में जब भी वह औरत उसे दिखती है, तब-तब Risha के जीवन में कुछ बहुत बुरा होते-होते रह जाता है। Disha को आज तक उस बूढ़ी औरत की माया समझ नहीं आई।

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