लॉकडाउन 2020 की डरावनी रात: सुनसान जंगल कैंपिंग में पानी पर चलते अजीब साये से सामना


मेरा नाम Ary है। ये घटना दो हजार बीस में घटी थी जब कोविड का time था। lockdown की वजह से सब कुछ बंद हो चुका था। मैं उस वक्त अकेला था, कैंपिंग करने जाने वाला था। हालांकि उस वक्त यहाँ पर कोई इतना ध्यान नहीं दे रहा था। मैंने सोचा कि जब मुझे सबसे अलग ही रहना है तो क्यों ना कुछ दिनों के लिए मैं जा के कैंपिंग कर लूँ। तब मुझे नहीं पता था कि ये लॉकडाउन का सीन बड़ा हो जाएगा। मुझे लगा कि एक छोटा-मोटा लॉकडाउन है जो कि कुछ दिनों में हट जाएगा, लेकिन फिर ये बढ़ता ही चला गया।

मैं भी कैंपिंग करने के लिए गया हुआ था। जब लॉकडाउन का दूसरा दिन था, तो मैं अपने ट्रेवल बैग को ले के सबसे छुपते-छुपाते camping area पर चला गया था। वहाँ पर एकदम सन्नाटा था। पहली बार उस camping area में मैंने इतना सन्नाटा देखा था। मेरे अलावा और वहाँ पर कोई भी काम करने नहीं आया था।

usually जब भी मैं वहाँ पर camp करता था, तो मुझे अक्सर चार से पाँच camp लगे मिलते थे। सबकी हँसने की आवाज आती है, एक दूसरे से लोग बातें करते हैं, लेकिन उस वक्त वहाँ पर कोई भी नहीं था। ना ही कोई forest ranger और ना ही कोई guard बाहर सब ग्राउंड लिया करते हैं। लेकिन इस समय वहाँ पर कोई भी नहीं था।

कुछ देर के लिए मुझे लगा कि शायद मैंने आ के गलती कर दी है या फिर कोई लीगल काम किया है। अगर किसी को मेरे यहाँ पर होने का पता चला तो मुझ पे heavy penalty भी लग सकती है या कुछ दिनों की jail। पर जिस हिसाब से वहाँ पर सन्नाटा था और वहाँ पर कोई भी नहीं था तो मुझे लगा कि मुझे किसी तरह की tension लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।

मैं आराम से यहाँ पर camping कर सकता हूँ और अगर किसी ने मुझे यहाँ से जाने की भी कोशिश की तो मेरा घर बस यहाँ से कुछ ही दूरी पर है। मैं चुपचाप अपना bag pack करके चला जाऊँगा। जहाँ पर वो camping location था, वहाँ से मेरा घर करीब तीस से चालीस minute की दूरी पर ही था जो कि मैं आराम से जा सकता था।

मेरे और भी friends थे जिनको camping करना बहुत अच्छा लगता था और मैं अक्सर उन्हीं के साथ camping आया करता था। लेकिन covid के इस lockdown की वजह से वो लोग भी मेरे साथ camping पर नहीं आए। हालांकि ये location जो camping की थी, उनके घर से काफी ज्यादा दूर थी।

मेरे लिए पहुंचना थोड़ा सा आसान था लेकिन उनको थोड़ा लंबा पड़ता। ये भी एक रीजन था कि वो लोग नहीं आए। मैं पहले भी बहुत बार सोलो कैंपिंग कर चुका हूँ और मुझे इसमें काफी ज्यादा मजा आता है। वही सब सोचते हुए मैं इस बार भी solo camping कर रहा था।

वहाँ पर मैं गया और मुझे मेरी favorite spot भी मिल गयी जहाँ पर मुझे camping करना बहुत पसंद है। कभी कभी मेरी वो favourite spot मुझे मिलती ही नहीं है क्योंकि वहाँ पर कभी किसी और का camp लगा होता है या तो कभी उसको कोई और acquire कर लेता है, लेकिन आज वो बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रहा था।

पानी की एक छोटी सी नदी बह रही थी जो कि ऊँचे पहाड़ों से होते हुए नीचे की तरफ जा रही थी। पक्षियों की आवाजें थीं, हल्की-फुल्की ठंड थी हवाओं में, लेकिन सब कुछ एकदम शांत और खामोश। उस वक्त थोड़ा सा अजीब लगा था क्योंकि इतनी शांति की मुझे आदत नहीं थी।

उसी शांति में मैंने अपना camp लगाया। अकेला था इसलिए ज्यादा सामान लेकर नहीं आ पाया था। कुछ sandwiches, beer के कुछ cans और आग जलाने के लिए लकड़ियाँ भी लेकर आया था। वो काफी safe जगह थी।

camp लगाने के बाद मैं कुछ देर वही पर बैठ के music सुनने लगा। एक किताब लेकर आया था, उसे भी पढ़ रहा था। थोड़ा बहुत photography का भी शौक था लेकिन जल्दी जल्दी में camera लाना भूल गया था, इसलिए वहीं पर ही बैठा हुआ था।

मैं अपने phone से लगातार अपने दोस्तों को call भी मिला रहा था और उनसे बात भी कर रहा था। उस जगह पर network बहुत थोड़ा बहुत आता है इसलिए थोड़ा सा दूर हटके यानी की camping location से थोड़ी सी हटके बात करनी पड़ती है लेकिन बात आराम से हो जाती है।

camp set up करते हुए जगह तक पहुँचते हुए थोड़ी सी शाम हो गयी थी। सूरज उतना नहीं डूबा था, बस डूबने ही वाला था। सूरज के डूबने के साथ अँधेरा और ठंड दोनों बढ़ती जा रही थी।

मैं camp fire को जला रहा था। वो भी काफी ज्यादा अच्छी लग रही थी। उस पूरे अँधेरे में एक मात्र जगमगाई रोशनी थी जहाँ पर मेरी camp fire चल रही थी। शांति में कुछ समझ में नहीं आ रहा था। कुछ देर बाद वो शांति मुझे बहुत ज्यादा अजीब लगने लगी, बोरियत होने लगी थी। बहुत दिनों बाद solo trip plan की थी मैंने।

beer पीता या कितनी ही books पढता, चुपचाप camp में लेटा हुआ था। दोस्तों को call भी मिला रहा था लेकिन जैसा मैंने बताया कि उस location पे call लग नहीं रही थी। मैं फिर दूसरी जगह camp से बाहर निकला और दोबारा उसी जगह पर जाने लगा जहाँ पर network आता है। camp से करीबन तीन से चार meter की दूरी पर था। मैं वहीं पर ही गया।

जैसे ही मैं वहाँ पर पहुँचा, network आ गया और मैंने अपने दोस्त हैरिस को फोन लगाया, उससे ही बात कर रहा था उस वक्त। Harish शायद अपने computer पे game खेल रहा था। मैंने Harris से बोला कि तू क्या कर रहा है? Harris ने मुझे अपने बारे में बताया। मैंने उससे कहा कि मेरे को यहाँ पर बहुत ही ज्यादा अजीब लग रहा है, बोरियत हो रही है।

और इस वक्त तो मैं वापस नहीं जा सकता हूँ क्योंकि रात हो चुकी है। यहाँ पर रुकने के अलावा मेरे पास और कोई चारा भी नहीं है। वैसे तो मैं plan करके आया था कि दो दिन यहाँ पर रुकूंगा, लेकिन जिस हिसाब से यहाँ बोरियत हो रही है, एक भी घंटा रुकना मेरे लिए यहाँ पर बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो रहा है।

और ये बात करते हुए मैं लगातार beer पीते जा रहा था और हर एक minute के साथ नशा चढ़ता जा रहा था। हैरिस से बात करते वक्त मैंने अपने camp की तरफ पीठ की हुई थी और दूसरी तरफ देख के बात कर रहा था। एक हाथ से phone को कान में लगाया हुआ था और दूसरे हाथ में beer की can थी।

करीबन एक से दो minute तक मेरी उससे बात हुई। उसके बाद मैं दुबारा अपने camp की तरफ घूमा और मैं देख के एकदम हैरान हो गया। मेरे camp के पास एक काली परछाई खड़ी थी, आदमी की। वो मुझे ही देख रही थी। camp की आग की रोशनी में मुझे उसका चेहरा हल्का-फुल्का दिखाई दे रहा था, लेकिन वो वहीं पर ही थी, साफ-साफ खड़े हो के मुझे ही देख रही थी।

height लगभग मेरी जितनी की थी वो। वो किसी आदमी की परछाई थी। आधा चेहरा अँधेरे में डूबा हुआ था और हाथ पैर साफ साफ दिखाई दे रहे थे। मैं उसे ही देख रहा था। कुछ देर तक वो मुझे देख रहा था और इधर हैरिस फोन पर लगातार hello hello करके मुझे बुलाया जा रहा था।

कुछ समझ में नहीं आया। उसने मेरी आँखों के सामने camp fire पे जोर से लात मारी और वो लकड़ियाँ पूरे जंगल में बिखर गयी। उसके लात मारने की वजह से आग तो बुझ गयी थी, लेकिन जलती हुई लकड़ियां आधे मेरे कैंप के ऊपर पड़ी और आधी कुछ पेड़ों के ऊपर।

पूरा अँधेरा हो चुका था। अब मुझे कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। अंधेरे में बस सुलगती हुई थोड़ी-थोड़ी लकड़ियाँ जिनकी लाल रोशनी से मुझे ये पता चल रहा था कि लकड़ियाँ कहाँ पर गिरी हुई है। हैरिस मुझे लगातार फोन पे बात किए जा रहा था।

मैंने हैरिस से बोला, हेरिस यहाँ पर कोई है। और तभी हेरिस ने पूछा कि कौन है? उसका फोन अचानक से कट गया। मैंने फोन की तरफ देखा तो network गायब हो चूका था, पर अभी कुछ देर पहले network यहाँ पर था। मेरी हैरिस से ही बात हो रही थी।

वो आदमी लात मारने के बाद लकड़ियों से गायब हो गया। सब कुछ एकदम अँधेरे में डूब चूका था। रात के कीड़े मकोड़ों की भी आवाज नहीं आ रही थी। वो कौन था? इतनी जल्दी कहाँ से आया और कहाँ चला गया? कुछ भी पता नहीं चला।

मेरे हाथ में मेरा फोन था जो कि मैंने अपने पॉकेट में डाला। बियर की केन वहीं पेड़ के पास रख दी और धीरे-धीरे कैंप की तरफ जा रहा था। पहले मुझे लगा कि ये सब शायद मेरा कोई नशा होगा, लेकिन वो camp fire की लडकियाँ जिस हिसाब से बिखरी हुई थी, वो मेरा नशा नहीं था।

वो लकड़ियाँ एकदम सही जगह पर जा के गिरी, वरना उनकी वजह से जंगल में आग भी लग सकती थी, लेकिन सब कुछ एकदम ठीक था। उसने इतनी सटीक तरीके से लात मारी थी कि पूरी लकड़ियाँ पानी में जा के गिरी और कुछ ही लकड़ियाँ इधर उधर बिखर गयी थी। बची हुई लकड़ियाँ मेरे can के अंदर चली गयी, जिनकी वजह से वो भी जल गया था।

मैं किसी तरह भागते हुए अपने कैंप के पास गया, जो इन सारी चीजों को बुझाया और उस आदमी को चिल्ला के बुलाने लगा कि तुम कौन हो? तुमने ऐसी हरकत क्यों की? तुम कहाँ चले गए? उसका कोई भी जवाब नहीं आया। मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रही थी।

नशा भी चला हुआ था। मैं कैंप फायर की सारी आग को बुझा रहा था, धीरे-धीरे लकड़ियों को जमा कर रहा था। मेरे पास torch थी, उसी से चारों तरफ देखने की कोशिश कर रहा था। तभी दोबारा मैंने बहती हुई छोटी सी नदी की तरफ देखा। वो आदमी वहीं पर खड़ा था, मुझे देख रहा था। चाँद की हलकी फुल्की रोशनी उसके ऊपर पड़ रही थी। मैंने तुरंत अपनी torch ले के उसकी तरफ देखने लगा तो वहीं पर ही खड़ा था।

मैंने उससे लगातार पूछा कि वो कौन है? उसने ऐसा क्यों किया? आखिर वो कौन है? अगर उसको ये लोकेशन पता थी तो वो ले सकता था। उसको ये हरकत करने की कोई जरूरत नहीं थी। मैं उसे गालियां दे के बात कर रहा था।

अगर उसकी इस हरकत की वजह से फॉरेस्ट में आग लग जाती तो काफी बड़ी problem हो जाती। मैं ये बात करते हुए उसी की तरफ जा रहा था। मेरा ध्यान भी उसी की तरफ था। धीरे धीरे जब मैं उसके पास पहुँचा तो मेरा पैर फिसल गया और मैं किसी तरह गिरने से बच गया। मैं उस नदी के पास पहुँच चूका था।

धारा बढ़ चुकी थी। पानी का फ्लो थोड़ा ज्यादा तेज था। मैंने जब उसे देखा तो मैं देख के हैरान हो गया। वो पानी के ऊपर खड़ा था, चल रहा था। और ये चीज देख के मैं बहुत ज्यादा डर गया था।

उसकी आँखें चाँद की रौशनी में और ज्यादा बड़ी हो रही थी और धीरे-धीरे चमक रही थी। वो मुझे लगा था चिल्ला के बोल रहा था, "यहाँ से चले जाओ"।

मैं कुछ देर तक बस उसे ही देखता रह गया। समझ में नहीं आ रहा था कि जो देख रहा है वो सच है या मेरा वहम। वो पानी में था, उसकी height शायद धीरे धीरे बढ़ रही थी और छोटी हो रही थी। आँखे थोड़ी थोड़ी देर में ज्यादा चमक रही थी। आवाज ऐसी थी जैसे एक साथ दो लोग बोल रहे हो।

मैंने अपना camp वहीं पर ही छोड़ दिया, सारे सामान वहीं पर छोड़ दिए। कुछ देर के लिए रुका भी नहीं। वो धीरे धीरे मेरी तरफ दुबारा आ रहा था, शायद मुझे मार देता। वो कोई इंसान तो नहीं था।

मेरी तरफ आते हुए अँधेरे में गायब हो गया। सब कुछ छोड़ के मैं वहाँ से लगातार इतनी तेज भागा, शायद इतनी तेज़ी से मैं पहले कभी ना भागा हूँ। नशे में कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

torch की रौशनी से जितना बहुत देख पा रहा था, भागते हुए main road की तरफ जा रहा था। पैर में चोट भी लग गयी थी, एक दो पेड़ की टहनियों से मेरे हाथ भी छिल गए थे, लेकिन मैं रुका नहीं।

road पर पहुँचने से पहले मेरी torch वहीं पर ही गिर गयी और वो जल रही थी। मैं torch को उठाने के लिए भी पीछे नहीं घूमा और वापस main road से अपने घर के direction में भागने लगा।

पीछे देखा तो वो काली परछाई road पर आके खड़े होके मुझे ही देख रही थी और मेरी torch वहीं पर ही जल रही थी। मेरी जलती हुई torch को उसने लात मारी और बुझा दिया जैसे कि उसे कोई फर्क ही ना पड़ा हो।

वो बार बार चिल्ला के बोल रहा था "भाग जाओ यहाँ से"। वो कोई इंसान तो नहीं था। वो चाहता तो इतनी speed से मेरी तरफ भी भागते हुए आ सकता था, लेकिन वो नहीं आया।

मैं फिर उसके बाद घर पहुँच गया। पूरी रात मैं भागता रहा। हाथ पैर में चोट लग गयी थी। तो उसे डर लग रहा था कि कोई मेरा पीछा ना कर रहा हो। वो जगह रात में एकदम सुनसान थी, lockdown की वजह से सब कुछ बंद था।

usually उस रात में वहाँ पर गाड़ियाँ भी चलती थी, लेकिन वहाँ पर कुछ भी नहीं हो रहा था। सब कुछ, पूरा शहर एकदम से खामोशी में डूबा हुआ था। मैं रात में दो-तीन घंटे लगातार भागते हुए अपने घर पर पहुंचा। कुछ भी नहीं मिला।

इस घटना के बारे में मैंने अपने पेरेंट्स को ही बताया। मेरी मॉम ने मेरा first aid किया और फिर इस घटना के बारे में अपने दोस्तों को भी बताया। luckily मैं अपना phone लेकर आ गया था।

covid के दौरान जब lockdown का time बढ़ता चला गया, मैं उस जगह पे camping set उठाने भी नहीं गया और फिर जब सब कुछ normal हुआ और उस जगह अपने दोस्तों के साथ जाके देखा, तो मेरा camping set वहीं पर ही पड़ा हुआ था, पर वो पूरी तरीके से उजड़ चुका था।

जब मैं उसे वहाँ पर छोड़ के गया था, उससे ज्यादा बुरी हालत वहाँ पर उसकी हो चुकी थी और ये मेरा कोई वहम नहीं था। मेरे दोस्तों ने मेरी बात पर विश्वास किया वरना मैं अपने equipments, अपना camping set वहाँ पर छोड़कर नहीं आता और ये वाकया मैं सबको बताया करता हूँ।

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