पहाड़ों के बीच, जहाँ रात में चुड़ैलें काले पक्षी बन जाती हैं? चुआवा की अनसुनी सच्ची कहानी


मेरा परिवार मेक्सिको के चुआवा से है, एक शांत कस्बा जो सूखी पहाड़ियों, कच्ची सड़कों और उन कहानियों से घिरा है जिन्हें लोग अँधेरा होने के बाद जोर से नहीं बोलते। कुछ साल पहले मेरी बड़ी बहन Mariana गर्मी की छुट्टियों में वहाँ वापस गयी थी।

वो तो बाईस साल की थी, कॉलेज से तभी तभी निकली थी और अपने चचेरे बहनों के साथ वक्त बिताने और कस्बे के बाहर एक तालाब में तैरने के लिए उत्साहित थी। वो एक प्राकृतिक झरना था जो वीराने के बीच में था। दिन में एकदम शांत रहता था।

लेकिन मुझे हमेशा उस जगह में कुछ अजीब सा लगता था। मैं वहाँ नहीं था लेकिन मुझे याद है कि जब Mariyana वापस आयी तो वो कितनी डरी हुई थी। वो आसानी से डरने वालों में से नहीं है, वो समझदार है, तार्किक है।

लेकिन उस दिन जो कुछ हुआ वो उसके साथ रह गया। उसने हमें बताया कि वो और हमारे चार चचेरे भाई-बहन शाम को करीब पाँच बजे तालाब पर गए थे। सूरज अभी ऊपर था, पानी गर्म था और पहले एक घंटे तक सब कुछ ठीक था।

लेकिन तभी उन्होंने उसे देखा। पहले तो वो पेड़ों में एक छाया जैसा लगा, लेकिन जब वो हिला तो उन्हें साफ़ दिखा। वो एक विशाल काला पक्षी था जो एक सूखे mesquite पेड़ की ऊँची टहनी पर बैठा था, उन्हें घूर रहा था। वो हिला नहीं, बस वहाँ बैठा रहा।

उसके पंख उखड़े हुए थे और वो ऐसे देख रहा था जैसे वो इंतजार कर रहा हो। पहले तो उन्होंने हंस कर टाल दिया, बस एक उल्लू ही तो है, लेकिन मारियाना ने कहा कि वो सामान्य रूप से नहीं था। वो बहुत बड़ा था।

उसका सर धीरे-धीरे उनकी हरकतों को फॉलो कर रहा था और उसकी आँखें उसने कहा कि वो इंसानों जैसी थी। अब जब सूरज ढलने लगा और वो पक्षी बिना हिले डुले वहीं बैठा रहा तो वो सभी डर गए और उन्होंने वहाँ से निकलने का फैसला किया।

वो सब मेरे चचेरे भाई Diego के पिकअप ट्रक में सवार हुए और घर की ओर चल पड़े। वो लोग नर्वस होकर हँस रहे थे और उस डर को झटकने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन तभी ट्रक की हेडलाइट्स में कुछ हलचल दिखी। वहाँ वही काला पक्षी था।

वो सड़क के ऊपर उड़ रहा था, ट्रक की रफ्तार के साथ चल रहा था। सामान्य पक्षी की तरह पंख नहीं फड़फड़ा रहा था, बस चुपचाप आसानी से glide कर रहा था। उन्होंने मेरे ताऊ के घर की ओर जाने वाली कच्ची सड़क पर मोड़ लिया और वो उनके पीछे रहा।

जब उन्होंने ट्रक रोका तो वो सड़क के पार टेलीफोन के खंभे पर बैठ गया और वहाँ से बस देखता रहा। उस रात वो वहाँ से गया नहीं। उन्होंने उसे फिर से आधी रात के आसपास देखा, वो चुपचाप छत पर बैठा हुआ था।

फिर उन लोगों को खिड़कियों पर खरोंचने की आवाज सुनाई दी, लेकिन जब मेरे अंकल ने बाहर निकल कर देखा तो वहाँ कुछ नहीं था। वो सुबह होने तक कभी दिखता तो कभी गायब हो जाता और सुबह होने पर वो आखिरकार गायब हो गया।

अब यहाँ से बातें और डरावनी हो जाती है। मेरी बहन ने हमारे uncle aunty को सब कुछ बताया कि क्या हुआ था और इसकी वजह से पुरानी कहानियाँ फिर से उभर आयी। पता चला uncle aunty ने भी कई साल पहले ऐसा ही कुछ देखा था।

वो बस इस बारे में ज़्यादा बात नहीं करते थे। लेकिन फिर uncle ने एक बात साफ साफ कही। वो कोई जानवर नहीं है, वो एक चुड़ैल है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक बार ऐसी ही चीज़ का सामना किया था।

उन्होंने दावा किया कि नब्बे के दशक में एक ऐसा ही पक्षी उनके घर के बाहर बार बार दीखता था, रात में चीखता था। वो खिड़कियों पर टकटकी लगाता था, हवा में फुसफुसाता था। उसकी वजह से उनके जानवर मरने लगे थे।

मुर्गियाँ, बकरियाँ, यहाँ तक की कुत्ते भी सब बीमार पड़ गए थे। तो एक रात उन्होंने उसका इंतज़ार किया। फिर जब वो आसमान में चक्कर काटता दिखा, उन्होंने उस पर गोलियाँ चला दी। उन्होंने कसम खाकर कहा कि उन्होंने उसे ही मारा था।

वो पक्षी चीखा, पेड़ों में गिरा और फिर अचानक गायब हो गया। सुबह उन्होंने घर के पीछे सूखी झाड़ियों में कुछ पाया। वहाँ उन्हें एक बूढ़ी औरत मिली बिना कपड़ों के, एकदम नग्न। उसे दो गोली लगी हुई थी, एक हाथ में और एक पेट में, और वो मरी हुई थी।

लेकिन उसकी कोई पहचान नहीं हो पाई। कस्बे में किसी ने भी उसे अपना नहीं बताया। उसका कोई अता-पता नहीं मिला। बस एक बेजान शरीर और ढेर सारी चुप्पी। फिर पुलिस आयी, उन्होंने उसे कसबे के बाहर एक बिना नाम की कब्र में दफना दिया।

उसके बाद वो अजीब चीजें होना रुक गयी। Mariana उस कहानी को कभी नहीं भूली। वो आज भी सोचती है कि उस दिन तालाब पर जो उसने देखा वो कोई वैसी ही चीज थी जो फिर से शिकार कर रही थी।

कभी-कभी हम इस पर मजाक करते हैं, कहते हैं कि शायद हमारे uncle एक हथियारे हैं ताकि अपनी करतूत छुपा सकें। लेकिन जब हम हँसते हैं तो वो हँसी ज़बरदस्ती सी लगती है क्योंकि अंदर ही अंदर हम अब जानते हैं कि वो कस्बा कैसे काम करता है।

जब कुछ अजीब होता है तो लोग चुप हो जाते हैं, वो अपने दरवाजों पर cross लटका लेते हैं और कोई सवाल नहीं पूछते। और वो कभी किसी भी चीज पर गोली नहीं चलाते जब तक की उन्हें यकीन ना हो कि वो इंसान नहीं है।

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